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❤❤Jai Shri Ram Ji❤❤❤❤❤❤
ОтветитьJai shree Satya Narayan ❤
ОтветитьJai Shree Radhe Krishna 🙏🏻❤️
Har Har Mahadev 🕉️🚩
JAI JAI SHREE KRISHNA
ОтветитьJai Shree RadhaKrishna
ОтветитьJai shree Krishna ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ОтветитьBackground music thoda aur bada de vai
Ответитьজয় শ্রী রাধাকৃষ্ণ
ОтветитьRadhe Radhe ❤️
ОтветитьJai Shree Krishna 🙏🙏✨🙏✨✨✨✨✨✨✨🙏🙏🙏✨
ОтветитьJai Shree Krishna.
ОтветитьReal aura and goospumps 🗿💀😑🕉️🚩
Ответитьram
ОтветитьJay Shree Mahabharat ❤️ ♥️ 🙏
Jay Shree Krishna ❤️ ♥️ 🙏
Jay Shree Radhey Shyam ❤️ 🙏 ♥️
Radhey Radhey ❤️ 🙏 ❤️
Jai Shree RadhaKrishna
Ответить❤❤
ОтветитьJay shree radhe krishna
ОтветитьJai Shree Krishna ❤
ОтветитьJai Shri Krishna ❤❤❤❤😊
ОтветитьRadhe radhe
ОтветитьJai shree radhe Krishna 🙏🏻😊✨🧿🎉✨♥️
ОтветитьHare Krishna
ОтветитьJai shree Krishna ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ОтветитьEdit 🥶
Ответить😅♥️jai shri krishna kittna bhadiya edit hai 💪
Ответитьमैत्री की राह बताने को,
सबको सुमार्ग पर लाने को,
दुर्योधन को समझाने को,
भीषण विध्वंस बचाने को,
भगवान् हस्तिनापुर आये,
पांडव का संदेशा लाये।
‘दो न्याय अगर तो आधा दो,
पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,
रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे,
परिजन पर असि न उठायेंगे!
दुर्योधन वह भी दे ना सका,
आशीष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला,
जो था असाध्य, साधने चला।
जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।
हरि ने भीषण हुंकार किया,
अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले,
भगवान् कुपित होकर बोले-
‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,
हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।
अम्बर में कुन्तल-जाल देख,
पद के नीचे पाताल देख,
मुट्ठी में तीनों काल देख,
मेरा स्वरूप विकराल देख।
सब जन्म मुझी से पाते हैं,
फिर लौट मुझी में आते हैं।
‘जिह्वा से कढ़ती ज्वाल सघन,
साँसों में पाता जन्म पवन,
पड़ जाती मेरी दृष्टि जिधर,
हँसने लगती है सृष्टि उधर!
मैं जभी मूँदता हूँ लोचन,
छा जाता चारों ओर मरण।
‘बाँधने मुझे तो आया है,
जंजीर बड़ी क्या लाया है?
यदि मुझे बाँधना चाहे मन,
पहले तो बाँध अनन्त गगन।
सूने को साध न सकता है,
वह मुझे बाँध कब सकता है?
Kishn kanaiya 🎉
ОтветитьGod please somehow make my mom's phone back to how it was as new as ,possible as soon as possible please without any technician today it's please before the today night please😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭 kill me.
God if you didn't me seriously . I don't know what to do please I don't know what I will do actually . God I will complete that book please a deal between you and me
Joy shree krishna
ОтветитьJai sh Radhekrishan❤
ОтветитьRadhe radhe krishan krishan
ОтветитьRadhe Radhe ❤️🙏❤️🙏❤️🙏
Ответить❤🙏🙏👥😘🫂🫂
ОтветитьHare Krishna🙏🙏🕉️🕉️
Radhe Radhe🙏🙏🕉️🕉️
Jai Shree Hari🙏🙏🕉️🕉️
Jai shree Krishna
ОтветитьKRISHNA ji ka AURA UNLIMITED H
ОтветитьJay shree khatu shyam Maharaj ji ki jai ho
Jay shree krishna
Mama❤❤❤❤❤❤
ОтветитьJay Shri Ram
ОтветитьDuryodhan trying to conquer the conqueror( BHAGWAN ).
ОтветитьHar har mahadev❤😊
ОтветитьJai shree ram ❤❤❤❤ Jai shree krishna ❤❤❤❤
Ответитьजय श्री कृष्ण राधे राधे
Ответить❤️
Ответитьराधे राधे 🦚
Ответить❤️ Hare 🌸 Krishna ❤️🌸❤️❤️
Radhe ❤️ Radhe ❤️ Krishna ❤️🌸❤️❤️
Hare Krishn 🙏🛐❤️🩹
Ответитьहरि ने भीषण हुंकार किया,
अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले,
भगवान् कुपित होकर बोले-
‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,
हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।
यह देख, गगन मुझमें लय है,
यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल,
मुझमें लय है संसार सकल।
अमरत्व फूलता है मुझमें,
संहार झूलता है मुझमें।
उदयाचल मेरा दीप्त भाल,
भूमंडल वक्षस्थल विशाल,
भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं,
मैनाक-मेरु पग मेरे हैं।
दिपते जो ग्रह नक्षत्र निकर,
सब हैं मेरे मुख के अन्दर।
दृग हों तो दृश्य अकाण्ड देख,
मुझमें सारा ब्रह्माण्ड देख,
चर-अचर जीव, जग, क्षर-अक्षर,
नश्वर मनुष्य सुरजाति अमर।
शत कोटि सूर्य, शत कोटि चन्द्र,
शत कोटि सरित, सर, सिन्धु मन्द्र।
शत कोटि विष्णु, ब्रह्मा, महेश,
शत कोटि विष्णु जलपति, धनेश,
शत कोटि रुद्र, शत कोटि काल,
शत कोटि दण्डधर लोकपाल।
जञ्जीर बढ़ाकर साध इन्हें,
हाँ-हाँ दुर्योधन! बाँध इन्हें।
भूलोक, अतल, पाताल देख,
गत और अनागत काल देख,
यह देख जगत का आदि-सृजन,
यह देख, महाभारत का रण,
मृतकों से पटी हुई भू है,
पहचान, इसमें कहाँ तू है।
अम्बर में कुन्तल-जाल देख,
पद के नीचे पाताल देख,
मुट्ठी में तीनों काल देख,
मेरा स्वरूप विकराल देख।
सब जन्म मुझी से पाते हैं,
फिर लौट मुझी में आते हैं।
जिह्वा से कढ़ती ज्वाल सघन,
साँसों में पाता जन्म पवन,
पड़ जाती मेरी दृष्टि जिधर,
हँसने लगती है सृष्टि उधर!
मैं जभी मूँदता हूँ लोचन,
छा जाता चारों ओर मरण।
समस्त लोकों के स्वामी और सबके दाता प्रभु श्रीकृष्ण भगवान की जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai shree krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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