प्रसंग:
~ दुःख क्यों आता है?
~ जीवन से दुःख कैसे हटाएँ?
~ समस्या क्या है? समस्या को जानना क्यों ज़रूरी है?
~ दुःख किसपर निर्भर है?
~ दुःख के प्रति सहानुभूति क्यों नहीं रखनी चाहिए?
~ दुःख है भी या बस माने बैठे हो?
~ दुःख क्यों उठता है?
~ दुःख दूर कैसे करें?
~ असली मस्ती की सबसे बड़ी दुश्मन नकली मस्ती होती है।
यज्ञ से देवताओं को आगे बढ़ाओ, तो वो दैवत्य तुम्हारी उन्नति करेंगे। इस तरह परस्पर (आपस में) उन्नति करते हुए तुम परम श्रेय प्राप्त करते हो।
- भगवद् गीता - 3.11